एमपॉक्स वायरस विकसित होने के लिए 'जीनोमिक अकॉर्डियन' का उपयोग
- वायरस का mpox (एमपॉक्स) फैमिली चयनात्मक विकासवादी दबावों से बचने में सक्षम माना जाता है।
- एक हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एमपॉक्स जीनोम के उस हिस्से के बारे में बताया जहां इस तरह के बदलाव होते हैं।
मुख्य बिंदु:
- पॉक्सवायरस एमपॉक्स वर्ष 2022-2023 में तेजी से बढ़ते वैश्विक प्रकोप के बाद सुर्खियों में था।
- वर्ष 1958 में बंदरों से जुड़ी एक अनुसंधान सुविधा में फैलने की घटना के बाद इस वायरस को पहले 'मंकीपॉक्स' कहा जाता था।
- तथापि, शोधकर्ताओं ने मनुष्यों के बीच कई आकस्मिक प्रकोपों में एमपॉक्स की पहचान की है।
- तत्काल हस्तक्षेप के बिना, यह प्रकोप राष्ट्रीय और यहां तक कि महाद्वीपीय सीमाओं पर तेजी से फैलने और एक अन्य वैश्विक प्रकोप के रूप में सामने आने की क्षमता रखता है।
- इस उभरते खतरे को कम करने के लिए विश्व की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कठोर जीनोमिक जांच और समन्वित सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों की आवश्यकता है।
एमपॉक्स वायरस:
- एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) एक वायरल बीमारी है जो एमपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो जीनस ऑर्थोपॉक्सवायरस की एक प्रजाति है, क्लैड I और क्लैड II दो अलग-अलग समूह मौजूद हैं।
- एमपॉक्स का उपचार सहायक देखभाल के साथ किया जाता है। कुछ परिस्थितियों में चेचक के लिए विकसित टीकों और उपचारों को कुछ देशों में उपयोग के लिए अनुमोदित किया गया है, जिनका उपयोग एमपॉक्स के लिए किया जा सकता है।
- वर्ष 2022 में 118 से अधिक देशों में एमपॉक्स के प्रकोप के कारण विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया।
- इसका प्रकोप IIb नामक एक क्लैड (एक सामान्य पूर्वज से उत्पन्न वायरस के उपभेद) के कारण हुआ था।
प्रीलिम्स टेकअवे:
- स्माल पॉक्स
- एमपॉक्स वायरस