स्टैंड अप इंडिया योजना 2025 तक बढ़ाई गई
- यह योजना 05 अप्रैल, 2016 को प्रधान मंत्री द्वारा शुरू की गई थी।
- यह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उधारकर्ताओं को ऋण की सुविधा प्रदान करता है।
- यह योजना वित्त मंत्रालय के तहत डिपार्टमेंट आफॅ फाईनेंशियल सर्विसेस (DFS) द्वारा संचालित है।
- 28.06.2021 तक, योजना की शुरुआत के बाद से कुल 1,16,266 ऋणों की राशि 26204.49 करोड़ रुपये है।
स्टैंड अप इंडिया योजना
- यह योजना एक ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित करने के लिए, प्रति बैंक शाखा में, कम से कम एक अनुसूचित जाति (एससी) या अनुसूचित जनजाति (एसटी) उधारकर्ता और कम से कम एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच बैंक ऋण की सुविधा प्रदान करती है।
- उद्यम विनिर्माण, सेवाओं या व्यापारिक क्षेत्र में हो सकता है।
- स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत सरकार ऋण के लिए धन आवंटित नहीं करती है।
- योजना के तहत वाणिज्यिक मानकों, संबंधित बैंकों की बोर्ड द्वारा अनुमोदित नीतियों और आरबीआई के मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों द्वारा ऋण दिए जाते हैं
योजना के लिए पात्रता
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी, जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक है।
- योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजना (विनिर्माण या सेवाओं या व्यापार क्षेत्र में लाभार्थी का पहली बार उद्यम) के लिए उपलब्ध है।
- गैर-व्यक्तिगत उद्यमों के मामले में, 51% शेयरधारिता और नियंत्रण हिस्सेदारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और/या महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
- उधारकर्ता किसी भी बैंक/वित्तीय संस्थान में चूककर्ता नहीं होना चाहिए।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- www.standupmitra.in पोर्टल के माध्यम से संभावित उधारकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन आवेदन जमा करने का प्रावधान।
- मार्गदर्शन और समर्थन।
- गहन प्रचार अभियान।
- सरलीकृत ऋण आवेदन पत्र।
- क्रेडिट गारंटी योजना।
- जहां भी संभव हो राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ अभिसरण।
- मार्जिन मनी में कमी और
- कृषि आदि से संबंधित गतिविधियों को शामिल।