खेलों को बढ़ावा देने के लिए योजना
- युवा मामले और खेल मंत्रालय ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं तैयार की हैं।
- 'खेल' एक राज्यिक विषय होने के नाते, खेल के विकास की जिम्मेदारी, जिसमें खेल को बढ़ावा देने और ग्रामीण क्षेत्रों में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए नीति बनाना आदि शामिल है, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों के पास है।
- केंद्र सरकार राज्य सरकारों के प्रयासों के पूरक के रूप में काम करती है।
युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा योजनाएं
- खेलो इंडिया योजना।
- राष्ट्रीय खेल संघों को सहायता।
- अंतर्राष्ट्रीय खेल आयोजनों के विजेताओं और उनके प्रशिक्षकों को विशेष पुरस्कार।
- राष्ट्रीय खेल पुरस्कार, मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन।
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय खेल कल्याण कोष।
- राष्ट्रीय खेल विकास कोष।
- भारतीय खेल प्राधिकरण के माध्यम से खेल प्रशिक्षण केंद्र चलाना।
खेलो इंडिया यूथ गेम्स (KIYG)
- यह देश के युवाओं के लिए अखिल भारतीय बहु-विषयक खेल प्रतियोगिता है।
- KIYG का लक्ष्य भारत को ओलंपिक स्तर पर एक मजबूत दावेदार बनाने और एक खेल महाशक्ति बनने के लिए एक दीर्घकालिक दृष्टि के साथ मूलभूत स्तर से रोमांचक प्रतिभाओं का पता लगाना है।
- इसका उद्देश्य खेल के क्षेत्र में देश की अपार क्षमता का उपयोग करना, युवा प्रतिभाओं को प्रेरित करना, उन्हें शीर्ष स्तर का अवसंरचना देना और उन्हें उच्चतम स्तर पर प्रशिक्षित करना है, ताकि वे देश का नाम रोशन कर सकें।
- इसका उद्देश्य देश में खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करना और सभी खेलों के लिए एक मजबूत ढांचा स्थापित करना है।
- उपरोक्त उद्देश्यों को पूरा करने के लिए खेलो इंडिया ने 12 क्षेत्रों की पहचान की है जिन पर वह काम करने का प्रयास कर रहा है:
- खेल के मैदान का विकास।
- सामुदायिक कोचिंग में विकास।
- राज्य स्तरीय खेलो इंडिया केंद्रों का निर्माण।
- वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन।
- प्रतिभा की खोज और विकास।
- खेल के अवसंरचनाओं का निर्माण, उन्नयन और उपयोग।
- राष्ट्रीय/क्षेत्रीय/राज्य खेलविदों को सहायता प्रदान ।
- स्कूली बच्चों की शारीरिक फिटनेस बढ़ाना।
- खेलों में अधिक से अधिक महिलाओं को शामिल।
- पैरा-एथलीटों के बीच खेलों को बढ़ावा।
- खेल को शांति और विकास के साधन के रूप में प्रयोग।
- ग्रामीण और स्वदेशी आदिवासी खेलों को बढ़ावा।