आरबीआई कमजोर शहरी सहकारी बैंकों को एसएएफ से पीसीए फ्रेमवर्क में ले जाएगा
| पहलू | विवरण | |----------------------------|---------------------------------------------------------------------------| | घटना | RBI 1 अप्रैल, 2025 से 500 आर्थिक रूप से कमजोर UCBs को SAF से PCA फ्रेमवर्क में स्थानांतरित करेगा। | | उद्देश्य | नियामक निगरानी को मजबूत करना और समय पर सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करना। | | स्थानांतरण का विवरण | SAF (2012 में लागू) को UCBs के लिए PCA फ्रेमवर्क से प्रतिस्थापित किया जाएगा। | | PCA का उद्देश्य | UCBs की वित्तीय सेहत को सुधारने के लिए शीघ्र निगरानी हस्तक्षेप। | | मुख्य निगरानी संकेतक | पूंजी पर्याप्तता, परिसंपत्ति गुणवत्ता (एनपीए), लाभप्रदता। | | पूंजी आवश्यकताएं | यदि शुद्ध एनपीए, शुद्ध उधार का 6% से अधिक है, तो UCBs को अतिरिक्त पूंजी जुटानी होगी। | | लाभांश प्रतिबंध | लाभांश भुगतान पर प्रतिबंध नई पूंजी निवेश को हतोत्साहित कर सकता है। | | RBI की अतिरिक्त कार्रवाई | PCA फ्रेमवर्क RBI को अन्य सुधारात्मक उपाय लागू करने से नहीं रोकता। | | उद्योग की चिंताएं | UCBs पर PCA फ्रेमवर्क को अनुचित माना गया है; समय से पहले हस्तक्षेप का सुझाव दिया गया। |