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RBI: डिजिटल ऋण ऐप रिपोर्टिंग अनिवार्य

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RBI: डिजिटल ऋण ऐप रिपोर्टिंग अनिवार्य

| पहलू | विवरण | |---------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | RBI ने डिजिटल ऋण दिशा-निर्देश, 2025 जारी किए | | मुख्य निर्देश | विनियमित संस्थाओं (REs) को CIMS पोर्टल पर अपने डिजिटल ऋण ऐप्स (DLAs) की रिपोर्ट करना अनिवार्य है | | CIMS पोर्टल लॉन्च | 13 मई, 2025 | | पहली रिपोर्टिंग समय सीमा | 15 जून, 2025 | | सार्वजनिक निर्देशिका जारी | 1 जुलाई, 2025 (उधारकर्ता DLAs की वैधता सत्यापित कर सकते हैं) | | ऋण एकत्रीकरण में पारदर्शिता | LSP को सभी ऋण प्रस्तावों को डिजिटल रूप से प्रदर्शित करना होगा, जिसमें मेल खाने वाले/गैर-मेल खाने वाले ऋणदाता भी शामिल हैं | | कड़ी मेहनत | RE को तकनीकी क्षमता, डेटा सुरक्षा और गोपनीयता अनुपालन के लिए LSP का आकलन करना होगा | | उद्देश्य | उधारकर्ता डेटा के दुरुपयोग को रोकना, छिपे हुए शुल्कों, आक्रामक वसूली और नकली ऐप्स को संबोधित करना | | पृष्ठभूमि | 2020 के बाद डिजिटल ऋण में वृद्धि; RBI ने सितंबर 2022 में प्रारंभिक दिशानिर्देश जारी किए | | महत्व | सुरक्षित ऋण प्रथाओं को सुनिश्चित करता है, अनियमित ऑपरेटरों पर अंकुश लगाता है, पारदर्शिता को बढ़ावा देता है |

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