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राजस्थान: मलेरिया उन्मूलन में प्रगति

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राजस्थान: मलेरिया उन्मूलन में प्रगति

| विषय | विवरण | |------------------------------|------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | राजस्थान में मलेरिया उन्मूलन | | चर्चा में क्यों? | विश्व मलेरिया दिवस 2025 पर राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर मलेरिया उन्मूलन के लिए श्रेणी-1 में शामिल किया गया। | | मुख्य विशेषताएं | - मलेरिया के मामलों में भारी गिरावट: 2024 में 2213 मामलों से घटकर 2025 में 59 मामले (अब तक)। | | | - जन जागरूकता अभियान: आईईसी गतिविधियाँ जैसे लार्वा प्रदर्शन, ऑडियो-वीडियो प्रचार, पम्पलेट, और पोस्टर। | | | - निवारक उपाय: शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी-लार्वा स्प्रे, फोकल स्प्रे, फॉगिंग, और स्रोत कमी गतिविधियाँ। | | | - उच्च जोखिम वाले जिले: 9 उच्च जोखिम वाले जिलों (अलवर, बालोतरा, बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, प्रतापगढ़, सलूंबर, श्रीगंगानगर, और उदयपुर) में इंडोर रेसिडुअल स्प्रे (IRS) किया गया। | | मलेरिया के बारे में | - प्लास्मोडियम परजीवी के कारण होता है जो मादा एनोफिलीज मच्छरों द्वारा फैलता है। | | | - दो खतरनाक प्रजातियाँ: पी. फाल्सीपेरम और पी. विवैक्स। | | | - लक्षण: बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और थकान। | | विश्व मलेरिया दिवस | - 2007 से प्रतिवर्ष 25 अप्रैल को मनाया जाता है। | | | - 2025 थीम: "मलेरिया हमारे साथ समाप्त होता है: पुनर्निवेश करें, पुनर्विचार करें, फिर से सक्रिय करें"। |

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