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प्रसाद योजना - द्वितीय चरण

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प्रसाद योजना - द्वितीय चरण

  • इस परियोजना के तहत प्रधानमंत्री ने वाराणसी में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
  • इन परियोजनाओं में "वाराणसी में नदी परिभ्रमण का विकास" परियोजना के तहत पर्यटक सुविधा केंद्र और अस्सी घाट से राज घाट तक क्रूज नौकाओं का संचालन शामिल है।

तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन' (PRASHAD)

  • यह एक केंद्रीय क्षेत्र योजना है जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
  • इसे पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2014-15 शुरू किया गया था।
  • उद्देश्य:
  1. पहचाने गए तीर्थ और विरासत स्थलों का एकीकृत विकास।
  2. तीर्थ यात्रा पर्यटन के गुणक और प्रत्यक्ष प्रभाव से रोजगार सृजन और आर्थिक विकास पर जोर देना।
  3. तीर्थ स्थलों के विकास में गरीब समर्थक पर्यटन अवधारणा और समुदाय आधारित विकास का पालन करना।
  1. सार्वजनिक विशेषज्ञता और पूंजी का लाभ उठाना।
  2. धार्मिक स्थलों में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को विकसित करके पर्यटकों के आकर्षण को स्थायी रूप से बढ़ाना।

इस योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचे का विकास करना है जैसे:

  1. प्रवेश बिंदु (सड़क, रेल और जल परिवहन) एवं अंतिम मील संयोजकता,
  2. बुनियादी पर्यटन सुविधाएं जैसे सूचना/व्याख्या केंद्र,
  3. एटीएम/विदेशीय विनिमय,
  4. परिवहन के पर्यावरण अनुकूल साधन,
  5. ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों का प्रयोग
  1. पार्किंग, पीने का पानी, शौचालय, क्लॉक रूम, प्रतीक्षालय, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं
  2. शिल्प बाजार/हाट/ अल्पाहार-गृह,
  3. दूरसंचार सुविधाएं, इंटरनेट कनेक्टिविटी आदि।
  • ""PRASHAD योजना के तहत वाराणसी का विकास - चरण II"" को पर्यटन मंत्रालय द्वारा फरवरी 2018 में 44.69 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित किया गया था।
  • इस योजना के कुछ घटक जैसे 'पंचकोशी पथ', 'तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र', 'रामेश्वर', 'सड़क विकास' और ' निर्देशक या चेतावनी संकेतक' को सफलतापूर्वक पूरा कर राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया है।
  • ""PRASHAD योजना के तहत वाराणसी में नदी क्रूज का विकास"" को पर्यटन मंत्रालय द्वारा फरवरी 2018 में 10.72 करोड़ रुपये की लागत से अनुमोदित किया गया था।
  • इसके कुछ मुख्य घटक यानी 'यात्री सह क्रूज वाहन', 'मॉड्यूलर जेट्टी', 'दृश्य-श्रव्य हस्तक्षेप' और 'सीसीटीवी निगरानी' को सफलतापूर्वक पूरा कर राष्ट्र को समर्पित कर दिया गया है।

PRASHAD योजना का कार्य

  • पर्यटन मंत्रालय ने PRASHAD योजना को लागू करने के लिए एक मिशन निदेशालय की स्थापना की है।
  • निदेशालय चिन्हित शहरों में परियोजनाओं की पहचान करता है और इस योजना को लागू करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और अन्य हितधारकों के साथ समन्वय करता है।
  • एक केंद्रीय मंजूरी और निगरानी समिति मिशन निदेशालय द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं को मंजूरी देती है।
  • इस योजना की समग्र समीक्षा, मार्गदर्शन और निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय संचालन समिति का भी गठन किया गया है।

PRASHAD के तहत चिन्हित शहर:

  1. अमृतसर (पंजाब)
  2. केदारनाथ (उत्तराखंड)
  3. मथुरा (उत्तर प्रदेश)
  4. अजमेर (राजस्थान)
  5. वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
  6. गया (बिहार)
  1. कामाख्या (असम)
  2. द्वारका (गुजरात)
  3. पुरी (ओडिशा)
  4. अमरावती (आंध्र प्रदेश)
  5. कांचीपुरम (तमिलनाडु)
  6. वेलंकन्नी (तमिलनाडु)

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