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NPPA DPCO, 2013 के अंतर्गत अनुसूचित और गैर-अनुसूचित दवाओं निगरानी करता है

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NPPA DPCO, 2013 के अंतर्गत अनुसूचित और गैर-अनुसूचित दवाओं निगरानी करता है

  • औषधि (मूल्य नियंत्रण) आदेश, 2013 (DPCO, 2013) के प्रावधानों के अनुसार, DPCO की अनुसूची-I में सूचीबद्ध फॉर्मूलेशन को परिभाषित किया गया है। अनुसूची-I में शामिल न किए गए फॉर्मूलेशन को गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन के रूप में परिभाषित किया गया है। इस प्रकार, अनुसूचित और गैर-अनुसूचित दोनों दवाएं DPCO, 2013 के अंतर्गत आती हैं।

मुख्य बिंदु:

  • DPCO, 2013 के मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, अनुसूचित दवाओं की अधिकतम कीमतों को राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा पिछले कैलेंडर वर्ष के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) (सभी वस्तुओं) के आधार पर हर साल 1 अप्रैल को या उससे पहले संशोधित किया जाता है और सरकार द्वारा हर साल 1 अप्रैल को इसे अधिसूचित किया जाता है।
  • गैर-अनुसूचित फॉर्मूलेशन (ब्रांडेड या जेनेरिक) के मामले में, कोई भी निर्माता पिछले 12 महीनों के दौरान अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में MRP के 10% से अधिक की वृद्धि नहीं कर सकता है।
  • अनुसूचित और गैर-अनुसूचित औषधियों के लिए DPCO, 2013 के प्रावधानों के अनुसार कीमतों में अधिकतम स्वीकार्य वृद्धि, वाणिज्यिक कारणों और बाजार की गतिशीलता के आधार पर, उनके संबंधित निर्माताओं द्वारा प्राप्त की जा सकती है या नहीं भी प्राप्त की जा सकती है।
  • औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1945 और उसके अंतर्गत नियमों के तहत औषधि निर्माताओं को विनिर्माण लाइसेंस की शर्तों और अच्छे विनिर्माण व्यवहार (GMP) की आवश्यकताओं का अनुपालन करना आवश्यक है।
  • औषधि नियम, 1945 के अनुसार, विनिर्माण, परीक्षण, लेबलिंग, पैकेजिंग, भंडारण और वितरण को औषधि नियम, 1945 की अनुसूची M के तहत निर्धारित अच्छे विनिर्माण गतिविधिओं (GMP) सहित लाइसेंस की शर्तों के अनुपालन में किया जाना आवश्यक है। उल्लंघन के मामले में, लाइसेंसिंग प्राधिकारी को उक्त अधिनियम और नियमों के अनुसार कार्रवाई करने का अधिकार है।
  • NPPA DPCO, 2013 के तहत अनुसूचित और गैर-अनुसूचित दवाओं की कीमतों की निगरानी करता है। स्वीकार्य मूल्य से अधिक कीमत पर फॉर्मूलेशन बेचते हुए पाई जाने वाली कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है और DPCO, 2013 के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार कंपनी से अधिक वसूली गई राशि वसूल की जाती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान, चूककर्ता कंपनियों से 72.73 करोड़ रुपये वसूल किए गए।

प्रीलिम्स टेकअवे

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