नीति आयोग ने भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र लॉन्च किया
- नीति आयोग ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सहयोग से और भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय के समर्थन से भारत का एक व्यापक भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) ऊर्जा मानचित्र विकसित किया है।
- GIS नक्शा देश के सभी ऊर्जा संसाधनों की समग्र तस्वीर प्रदान करता है।
- यह 27 विषयगत परतों के माध्यम से पारंपरिक बिजली संयंत्रों, तेल और गैस कुओं, कोयला क्षेत्रों और कोयला ब्लॉक, अक्षय ऊर्जा बिजली संयंत्रों और नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन क्षमता आदि पर जिलेवार डेटा जैसे ऊर्जा प्रतिष्ठानों के दृश्यता सक्षम बनाता है।
भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र का महत्व
- यह मानचित्र एक देश में ऊर्जा उत्पादन और वितरण का एक व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए ऊर्जा के सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्रोतों और उनके परिवहन / संचरण नेटवर्क की पहचान करने और उनका पता लगाने का प्रयास करता है।
- यह एक अनूठा प्रयास है जिसका उद्देश्य कई संगठनों में बिखरे हुए ऊर्जा के डेटा को एकीकृत करना और इसे समेकित, आकर्षक ग्राफिकल तरीके से प्रस्तुत करना है।
- यह वेब-GIS प्रौद्योगिकी और ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर में नवीनतम प्रगति का लाभ उठाता है ताकि इसे संवादात्मक और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाया जा सके।
- भारत का भू-स्थानिक ऊर्जा मानचित्र योजना बनाने और निवेश संबंधी निर्णय लेने में उपयोगी होगा।
- यह उपलब्ध ऊर्जा परिसंपत्तियों का उपयोग करके आपदा प्रबंधन में भी सहायता करेगा।