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विमानन क्षेत्र में सुधार के उपाय

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विमानन क्षेत्र में सुधार के उपाय

  • सरकार ने देश में नागर विमानन क्षेत्र में सुधार के लिए उच्च तकनीकी उपाय किए हैं।
  • हवाई अड्डों को रेलवे और राजमार्ग जैसे परिवहन के अन्य साधनों के साथ एकीकृत करने की आवश्यकता है, जिससे देश के सभी हिस्सों में निर्बाध परिवहन संभव हो सके।
  • देश के कई दूरस्थ, पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में, हवाई परिवहन सबसे तेज और कभी-कभी यात्रा का एकमात्र साधन उपलब्ध है।

सरकार द्वारा उठाए गए कुछ महत्वपूर्ण प्रमुख उपाय:

  • डिजी यात्रा नीति का उद्देश्य हवाई अड्डों पर टर्मिनल के प्रवेश द्वार से बोर्डिंग बिंदु तक यात्रियों को बिना संपर्क, निर्बाध और कागज रहित संचालन प्रदान करना है।
  • भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की योजना मौजूदा और नए टर्मिनलों के विस्तार/विकास के लिए अगले 4-5 वर्षों में लगभग 25,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की है।
  • हवाई नौवहन/दिक्चालन अवसंरचना का आधुनिकीकरण किया गया है।
  • भारतीय वायु क्षेत्र में रूट परिमेयकरण भारतीय वायु सेना के साथ समन्वय में किया जा रहा है, ताकि आधुनिक हवाई यातायात प्रवाह प्रबंधन तकनीकों का उपयोग करके छोटे उड़ान मार्गों को विकसित किया जा सके एवं एयरलाइनों द्वारा ईंधन की खपत को कम किया जाये।
  • दक्षता बढ़ाने और ठहरने के समय को कम करने के लिए एयर कार्गो टर्मिनलों पर डिजिटल प्रौद्योगिकी के अधिक से अधिक उपयोग को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
  • नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) में उनके अधिकांश हितधारकों की बातचीत और आंतरिक प्रक्रियाओं के लिए ई-गवर्नेंस को सक्षम किया जा रहा है।
  • देश में लाइसेंस प्राप्त पायलटों की संख्या बढ़ाने के लिए उड़ान कैडेटों के लिए डीजीसीए द्वारा ऑनलाइन 'मांग पर परीक्षा' की योजना बनाई जा रही है।

डिजी यात्रा:

  • नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा अगस्त 2018 में डिजी यात्रा पर नीति जारी की गई है।
  • डिजि यात्रा यात्रियों के लिए निर्बाध यात्रा अनुभव को बढ़ाने और साथ ही साथ सुरक्षा में सुधार के लिए एक जुड़े हुए पारिस्थितिकी तंत्र की परिकल्पना करती है।
  • यह कनेक्टेड पैसेंजर्स, कनेक्टेड एयरपोर्ट्स, कनेक्टेड फ्लाइंग और कनेक्टेड सिस्टम्स जैसे 4 प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है।
  • चेकपॉइंट्स पर चेहरे की पहचान प्रणाली के आधार पर यात्रियों को स्वचालित रूप से संसाधित किया जाएगा; एंट्री पॉइंट चेक, एंट्री इन सिक्योरिटी चेक, एयरक्राफ्ट बोर्डिंग, इसके अतिरिक्त, यह यात्रियों की पहचान और डेटा रिकॉल के लिए चेहरे की पहचान का उपयोग करते हुए सेल्फ-बैग ड्रॉप और चेक-इन की भी सुविधा प्रदान करेगा।
  • डिजी यात्रा कागज रहित यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा तथा कई बिंदुओं पर पहचान जांच से छूट मिलेगी।

डिजी यात्रा के लाभ:

  • यात्रियों को कई चौकियों पर बोर्डिंग पास या आईडी दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी ।
  • इससे मानवीय हस्तक्षेप तथा कतारबद्ध समय न्यूनतम हो जाएगा।
  • इसमें सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि सिस्टम पीएनआर के साथ यात्री को मैप करेगा तथा प्रत्येक चेकपॉइंट पर केवल वास्तविक यात्रियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी।
  • हवाईअड्डा संचालक के पास यात्री भार की रीयल-टाइम जानकारी होगी और संसाधन नियोजन बेहतर हो जाएगा।
  • हवाईअड्डे में यात्री की स्थिति जानने से एयरलाइंस को फायदा होगा।
  • एयरपोर्ट थ्रूपुट को बढ़ाया जाएगा।

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