केंद्र सरकार ने 2800 करोड़ रुपये के डिजिटल कृषि मिशन का शुभारंभ किया
- केंद्र सरकार अपने पहले 100 दिवसीय एजेंडे के तहत बड़ी पहलों की घोषणा करने वाली है, जिसमें 2,800 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन भी शामिल है।
मुख्य बिंदु:
- डिजिटल कृषि मिशन देश भर में किसानों की रजिस्ट्री, फसल बोई गई रजिस्ट्री और गांवों के नक्शों की जियोरेफरेंसिंग के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करेगा।
- मिशन के लिए 2800 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है और इसे अगले दो वर्षों (2025-26 तक) में लागू किया जाएगा।
- इस बीच, कृषि मंत्रालय ने कई राज्यों में विभिन्न पायलट प्रोजेक्ट और गतिविधियाँ शुरू कीं, जो मिशन का हिस्सा हैं।
- मिशन का एक घटक किसानों की रजिस्ट्री बनाना है, जिसमें हर किसान को एक विशिष्ट पहचान पत्र दिया जाएगा।
- कुछ राज्यों में किसान विशिष्ट पहचान पत्र बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है।
- विशिष्ट किसान पहचान पत्र से नई मूल्यवर्धित सेवाएँ शुरू की जा सकेंगी और किसान इस पहचान पत्र के ज़रिए पीएम-किसान और फसल बीमा योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
- इससे वे कृषि ऋण और बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं का लाभ भी उठा सकेंगे।
- मिशन में फसल बोई गई रजिस्ट्री की भी परिकल्पना की गई है। इसमें किसान द्वारा अपनी ज़मीन पर बोई गई फसलों का रिकॉर्ड होगा। इससे फसल उत्पादन की बेहतर योजना बनाने और उसका अनुमान लगाने में मदद मिलेगी।
- पिछले साल, केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) से जुलाई 2024 से डिजिटल फसल सर्वेक्षण को अपनाकर क्षेत्र स्तर पर फसलों की क्षेत्र गणना/गिरदावरी की प्रक्रिया को स्वचालित/डिजिटल करने के लिए कहा था।
प्रीलिम्स टेकअवे
- डिजिटल कृषि मिशन
- डिजिटल फसल सर्वेक्षण