आईएनएस राजपूत सेवामुक्त हुआ
- भारतीय नौसेना का पहला विध्वंसक नौसेना डॉकयार्ड, विशाखापट्टनम में सेवामुक्त किया गया।
- पूर्व सोवियत संघ द्वारा निर्मित काशीन श्रेणी के विध्वंसक जहाजों का प्रमुख जहाज 04 मई 1980 को सेवा में लाया गया था।
- इसका निर्माण निकोलेव (वर्तमान यूक्रेन) में 61 कम्युनार्ड्स शिपयार्ड में उसके मूल रूसी नाम 'नादेज़नी' अर्थात आशा के तहत किया गया था।
- जहाज ने राष्ट्रीय सुरक्षा के हिस्से के रूप में कई अभियानों में भाग लिया जिसमे आईपीकेएफ की सहायता के लिए श्रीलंका का ऑपरेशन अमन, श्रीलंका के तट पर गश्त के लिए ऑपरेशन पवन, मालदीव की बंधक स्थिति को हल करने के लिए ऑपरेशन कैक्टस और लक्षद्वीप के ऑपरेशन क्रॉसनेस्ट शामिल हैं।
- इसके अलावा, जहाज ने कई द्विपक्षीय और बहुराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया।
- यह जहाज भारतीय सेना की किसी भी रेजिमेंट (राजपूत) से सम्बंधित होने वाला पहला भारतीय नौसेना जहाज भी था।
- इस जहाज़ के शानदार 41 वर्षों की सेवा में कुल 31 कमांडिंग ऑफिसर एवं इसके अंतिम कमांडिंग ऑफिसर ने 14 अगस्त, 2019 को जहाज की कमान संभाली थी।
- काशिन वर्ग 1960 के दशक से सोवियत नौसेना के लिए निर्मित विमान-रोधी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक की एक श्रृंखला थी।