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भारत और स्लोवाकिया रक्षा समझौता

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भारत और स्लोवाकिया रक्षा समझौता

| वर्ग | विवरण | |--------------------------|--------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | भारत और स्लोवाकिया के बीच रक्षा समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर। | | तिथि | अप्रैल 2025 | | उद्देश्य | भारत की घरेलू रक्षा निर्माण क्षमताओं को मजबूत करना और विदेशी निर्भरता को कम करना। | | मुख्य ध्यान | हल्के टैंकों और संबंधित तकनीकों के लिए उन्नत युद्ध प्रणालियों का सह-विकास। | | भागीदार | भारत और स्लोवाकिया (दोनों देशों के बीच पहला ऐसा समझौता)। | | शामिल भारतीय कंपनी | जेसीबीएल ग्रुप की रक्षा इकाई, एयरबॉर्निक्स डिफेंस एंड स्पेस प्राइवेट लिमिटेड (एडीएसएल) | | एडीएसएल की भूमिका | बुर्ज, सक्रिय सुरक्षा प्रणालियाँ, रिमोट-नियंत्रित हथियार प्रणालियाँ और मानव-मशीन इंटरफ़ेस मॉड्यूल विकसित करना। | | एडीएसएल प्रमाणन | एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों के लिए आईएसओ 9001:2015 और एएस 9100डी। | | विनिर्माण स्थान | सारा उत्पादन भारत में किया जाएगा, जो मेक-इन-इंडिया पहल का समर्थन करेगा। | | प्रौद्योगिकी हस्तांतरण | स्लोवाकिया जटिल इलाकों और उच्च-ऊंचाई वाले वातावरण के लिए उपयुक्त युद्ध प्लेटफार्मों को विकसित करने के लिए प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करेगा। | | भविष्य की क्षमता | सहयोग स्लोवाकिया की विशेषज्ञता और भारत की विनिर्माण क्षमताओं का लाभ उठाकर भविष्य के रक्षा निर्यात को सक्षम कर सकता है। | | जेसीबीएल ग्रुप का मूल्यांकन | $206.02 मिलियन | | जेसीबीएल के वैश्विक भागीदार | पहले डेमलर, टोयोटा और हार्ले-डेविडसन के साथ भागीदारी की थी। |

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