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भारत ने सीमेंट क्षेत्र के लिए पहला कार्बन कैप्चर टेस्टबेड लॉन्च किया

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भारत ने सीमेंट क्षेत्र के लिए पहला कार्बन कैप्चर टेस्टबेड लॉन्च किया

| पहलू | विवरण | |------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | सीमेंट क्षेत्र के लिए भारत के पहले कार्बन कैप्चर एंड यूटिलाइजेशन (सीसीयू) टेस्टबेड्स के समूह का शुभारंभ। | | तारीख | 11 मई, 2025 (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस)। | | पहलकर्ता | विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), भारत सरकार। | | उद्देश्य | औद्योगिक कार्बन उत्सर्जन से मुकाबला करना और भारत के 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य का समर्थन करना। | | केंद्रित क्षेत्र | सीमेंट उद्योग (एक कठिन-से-कम होने (hard-to-abate) वाला क्षेत्र)। | | मॉडल | सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) जिसमें शिक्षा जगत और उद्योग शामिल हैं। | | मुख्य लक्ष्य | CCU तकनीकों का विकास करना, अकादमिक-उद्योग सहयोग को बढ़ावा देना और स्केलेबल डीकार्बोनाइजेशन समाधानों का प्रदर्शन करना। | | प्रयुक्त प्रौद्योगिकियां | ऑक्सीजन-समृद्ध कैल्सीनेशन, CO₂ मिनरलाइजेशन, उत्प्रेरण (catalysis), वैक्यूम स्विंग एडसोर्प्शन और कार्बन कम करने वाले हस्तक्षेप। | | टेस्टबेड्स | 1. बल्लभगढ़, हरियाणा: जेके सीमेंट + एनसीसीबीएम (2 टीपीडी CO₂ कैप्चर)। | | | 2. आईआईटी कानपुर + जेएसडब्ल्यू सीमेंट: CO₂ मिनरलाइजेशन। | | | 3. आईआईटी बॉम्बे + डालमिया सीमेंट: उत्प्रेरक-आधारित CO₂ कैप्चर। | | | 4. सीएसआईआर-आईआईपी, आईआईटी तिरुपति, आईआईएससी + जेएसडब्ल्यू सीमेंट: वैक्यूम स्विंग एडसोर्प्शन। | | | 5. आईआईटी मद्रास और बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (बिट्स) पिलानी, गोवा + अल्ट्राटेक सीमेंट: कार्बन कम करने वाले हस्तक्षेप। | | व्यापक प्रभाव | स्केलेबल डीकार्बोनाइजेशन, कम कार्बन पदचिह्न (carbon footprint) और ग्रीन सीमेंट और टिकाऊ सामग्री में उन्नत अनुसंधान। |

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