स्टार्टअप्स के लिए भारत की क्रेडिट गारंटी योजना का विस्तार
| मुख्य पहलू (Key Aspect) | विवरण (Details) | |---------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------| | योजना का नाम (Scheme Name) | स्टार्टअप्स के लिए क्रेडिट गारंटी योजना (Credit Guarantee Scheme for Startups - CGSS) | | अधिसूचना तिथि (Notification Date) | भारत सरकार द्वारा हाल ही में अधिसूचित | | उद्देश्य (Objective) | पूंजी जुटाना में सुधार करना और स्टार्टअप्स को बेहतर वित्तीय सहायता प्रदान करना | | बढ़ी हुई गारंटी कवर (Increased Guarantee Cover) | उधारकर्ता प्रति 10 करोड़ रुपये से 20 करोड़ रुपये (Rs. 10 crore to Rs. 20 crore) | | 10 करोड़ रुपये तक के ऋण (Loans up to Rs. 10 crore) | डिफ़ॉल्ट राशि का 85% (85%) कवर किया गया | | 10 करोड़ रुपये से ऊपर के ऋण (Loans above Rs. 10 crore) | डिफ़ॉल्ट राशि का 75% (75%) कवर किया गया | | गारंटी शुल्क में कमी (Reduction in Guarantee Fees) | वार्षिक गारंटी शुल्क (Annual Guarantee Fee - AGF) 27 चैंपियन सेक्टरों (27 Champion Sectors) में स्टार्टअप्स के लिए 2% से घटाकर 1% (2% to 1%) प्रति वर्ष कर दिया गया है | | चैंपियन सेक्टर (Champion Sectors) | 'मेक इन इंडिया' पहल (Make in India' initiative) के तहत पहचाने गए | | लॉन्च तिथि (Launch Date) | 6 अक्टूबर, 2022 (October 6, 2022) | | शासी विभाग (Governing Department) | उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (Department for Promotion of Industry and Internal Trade - DPIIT) | | लक्षित दर्शक (Target Audience) | विकास के शुरुआती चरणों में स्टार्टअप्स (early stages of development) | | फंडिंग के प्रकार (Funding Types) | ऋण (loans), वेंचर ऋण (venture debt), और कार्यशील पूंजी व्यवस्थाओं (working capital arrangements) के माध्यम से संपार्श्विक-मुक्त ऋण वित्तपोषण | | अपेक्षित प्रभाव (Expected Impact) | भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करना और अभिनव-संचालित अर्थव्यवस्था (innovation-driven economy) में योगदान करना |