भारत में 1 जुलाई को जीएसटी दिवस मनाया जाता है
| विषय | मुख्य विवरण | |-----------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | जीएसटी दिवस | हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है, क्योंकि 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू हुआ था। यह दिन जीएसटी लागू होने की याद दिलाता है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण सुधार था। | | जीएसटी परिभाषा | वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाने वाला व्यापक, गंतव्य-आधारित अप्रत्यक्ष कर। केवल अंतिम उपभोक्ता ही इस कर का भुगतान करते हैं। | | ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | 2000 में प्रस्तावित, संविधान (101वां संशोधन) अधिनियम 2016 में पारित, 1 जुलाई, 2017 को लॉन्च। | | दोहरी जीएसटी मॉडल | सीजीएसटी (केंद्रीय), एसजीएसटी (राज्य), आईजीएसटी (अंतरराज्यीय)। राजस्व उपभोग करने वाले राज्य को जाता है। | | इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) | व्यवसाय इनपुट पर चुकाए गए करों के लिए क्रेडिट का दावा कर सकते हैं, जिससे प्रभावी कर का बोझ कम होता है। | | छूट सीमा | छोटे व्यवसाय (निर्धारित सीमा से कम टर्नओवर) छूट प्राप्त हैं। ₹1.5 करोड़ से कम टर्नओवर के लिए कंपोजीशन स्कीम उपलब्ध है। | | जीएसटीएन पोर्टल | सभी अनुपालन (पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान) जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) के माध्यम से किए जाते हैं। | | एंटी-प्रॉफिटियरिंग | राष्ट्रीय एंटी-प्रॉफिटियरिंग प्राधिकरण (NAA) यह सुनिश्चित करता है कि कर कटौती के लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचें। | | जीएसटी दर स्लैब (2025) | 0% (आवश्यक वस्तुएं), 5% (जन उपभोग), 12% और 18% (अधिकांश वस्तुएं/सेवाएं), 28% (विलासिता/दोषपूर्ण वस्तुएं), मुआवजा उपकर (पाप वस्तुएं)। | | जीएसटी राजस्व (अप्रैल 2025) | ₹2.37 लाख करोड़ का रिकॉर्ड उच्च स्तर, YoY में 12.6% की वृद्धि। | | एमएसएमई पर प्रभाव | सरलीकृत कर व्यवस्था, औपचारिकरण(formalization), आसान अंतरराज्यीय व्यापार, वित्त तक बेहतर पहुंच। | | उपभोक्ताओं पर प्रभाव | घरेलू खर्च पर 4% की बचत, आवश्यक वस्तुओं पर कम कीमतें, पारदर्शी मूल्य निर्धारण। | | लॉजिस्टिक्स पर प्रभाव | परिवहन में तेजी, सुव्यवस्थित गोदाम, बढ़ा हुआ निवेश। | | भविष्य के सुधार | आगे सरलीकरण के लिए तीन-दर संरचना में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव। |