मिजोरम से सिंगापुर को एन्थ्यूरियम फूलों का पहला निर्यात
| श्रेणी | विवरण | |--------------|-------------| | घटना | मिजोरम से सिंगापुर तक एंथुरियम फूलों का पहला निर्यात | | सुविधाकारी प्राधिकरण | एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण) मिजोरम सरकार के बागवानी विभाग के सहयोग से | | फ्लैग-ऑफ समारोह | - तिथि: 26 फरवरी, 2025 <br> - प्रारूप: हाइब्रिड (फिजिटल) <br> - उपस्थित लोग: एपीडा के अध्यक्ष अभिषेक देव, विशेष सचिव श्रीमती रामदिनलियानी, जो एंथुरियम ग्रोवर्स सहकारी समिति, आईवीसी एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड, वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड | | कंसाइनमेंट विवरण | - निर्यातक: आईवीसी एग्रोवेट प्राइवेट लिमिटेड <br> - आयातक: वेज प्रो सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड <br> - स्रोत: जो एंथुरियम ग्रोवर्स सहकारी समिति, आइजोल, मिजोरम <br> - मार्ग: आइजोल → कोलकाता → सिंगापुर <br> - मात्रा: 1,024 एंथुरियम कट फूल (70 किलोग्राम) | | एंथुरियम खेती का महत्व | - किसानों, विशेषकर महिला उद्यमियों के लिए आर्थिक विकास का स्रोत <br> - मिजोरम के वार्षिक 'एंथुरियम फेस्टिवल' के माध्यम से प्रचारित | | पृष्ठभूमि की घटना | - अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं बायर-सेलर मीट (IBSM) <br> - तिथि: 6 दिसंबर, 2024 <br> - स्थान: आइजोल <br> - प्रतिभागी: 9 अंतर्राष्ट्रीय खरीदार (सिंगापुर, यूएई, नेपाल, जॉर्डन, ओमान, अज़रबैजान, रूस, इथियोपिया) + 24 घरेलू निर्यातक | | भारत की फ्लोरीकल्चर निर्यात क्षमता | - वित्तीय वर्ष 2023-24 में फ्लोरीकल्चर निर्यात: 86.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर <br> - पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) में बागवानी और फ्लोरीकल्चर निर्यात की व्यापक संभावनाएं | | एपीडा की भूमिका | - भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के तहत एक विधिक निकाय <br> - फोकस: भारत के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के वैश्विक निर्यात को बढ़ावा देना |