वित्तीय संस्थान हाई-टेक कंपनियों को वित्त पोषित करने हेतु कोष चलाने की संभावना
- भारत सरकार अपनी बजट घोषणा को लागू करने के लिए NaBFID, NIIF और SIDBI जैसे वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
- इसने उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की है।
- यह धनराशि नवीन प्रौद्योगिकियों के विकास के लिए समर्पित निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के वित्तपोषण या पुनर्वित्त के लिए है।
नवप्रवर्तन के लिए वाणिज्यिक वित्तपोषण
- सरकार का लक्ष्य उन विशिष्ट क्षेत्रों में उद्यमों का समर्थन करना है जहां भारत विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सके और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के आयात पर निर्भरता कम कर सके।
- यह महत्वपूर्ण संभावनाओं वाले उभरते क्षेत्रों में नवीन परियोजनाओं के लिए सस्ता वित्तपोषण प्रदान करेगा।
- आवंटित धनराशि नवीन प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने वाले वाणिज्यिक, लाभकारी उद्यमों के लिए है।
लंबी अवधि के ऋण और शून्य ब्याज
- सरकार इसमें शामिल वित्तीय संस्थानों को शून्य ब्याज पर 50 साल तक की लंबी अवधि के ऋण देने पर विचार कर रही है।
- यह वित्तीय सहायता मॉडल राज्यों के लिए पूंजीगत व्यय के समान है।
- वित्तीय संस्थान, बदले में, अन्य संस्थानों को रियायती दरों पर ऋण प्रदान कर सकते हैं या सीधे वाणिज्यिक उद्यमों को वित्तपोषित कर सकते हैं।
भविष्य की सम्भावनाएँ
- फंडिंग के लिए योग्य क्षेत्रों की पहचान करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच चर्चा चल रही है।
- स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों की सफलता से रोजगार सृजित होने और वर्ष 2047 तक भारत को विश्व स्तरीय अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देने की उम्मीद है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- नेशनल बैंक फॉर फाइनेंसिंग इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट (NaBFID)
- भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI)