पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण 3 साल में 20% तक बढ़ाया जाएगा
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018 में संशोधन को मंजूरी दी।
- इसका उद्देश्य उस तारीख को आगे बढ़ाना है जिसके द्वारा ईंधन कंपनियों को 2030 से 2025 तक पेट्रोल में इथेनॉल का प्रतिशत बढ़ाकर 20% करना है।
इथेनॉल सम्मिश्रण
- इथनॉल इक्कीसवीं सदी में भारत के शीर्ष लक्ष्यों में से एक बन गया है।
- पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिलाने से भारत को कई लाभ हुए हैं।
- इसमें ऑटो ईंधन आयात पर प्रति वर्ष 4 अरब डॉलर या 30,000 करोड़ रुपये बचाने की क्षमता है।
- इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल के उपयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड (CO), हाइड्रोकार्बन (HC) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) जैसे उत्सर्जन में कमी आती है।
- E20 ईंधन के साथ CO उत्सर्जन में उच्च कमी देखी गई - दोपहिया वाहनों में 50% कम और चार पहिया वाहनों में 30 प्रतिशत कम।
भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम
- भारत ने 13 मार्च, 2022 तक 9.45% इथेनॉल सम्मिश्रण हासिल किया।
- यह वित्तीय वर्ष 2022 के अंत तक 10% तक पहुंच जाएगा।
- सरकार ने सबसे पहले दिसंबर 2020 में 20% सम्मिश्रण लक्ष्य को आगे बढ़ाने की अपनी योजना की घोषणा की।
नई नीति के लाभ
- नई नीति जैव ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक की अनुमति देगी और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देगी।
- "अत्यधिक लाभ" 2025 तक 20% इथेनॉल सम्मिश्रण से देश को प्राप्त हो सकता है, जैसे:
- प्रति वर्ष ₹30,000 करोड़ विदेशी मुद्रा की बचत
- ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि,
- कम कार्बन उत्सर्जन,
- बेहतर वायु गुणवत्ता,
- आत्मनिर्भरता,
- क्षतिग्रस्त खाद्यान्न का बेहतर उपयोग,
- किसानों की आय में वृद्धि और
- निवेश के अधिक अवसर।
इंजनों पर प्रभाव
- 20% मिश्रण में कुछ बदलावों की आवश्यकता हो सकती है और यहां तक कि वाहनों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
- पेट्रोल के 10% सम्मिश्रण के लिए इंजन में बड़े बदलाव की आवश्यकता नहीं होती है।
- सम्मिश्रण के अधिक प्रतिशत का अर्थ यह भी हो सकता है कि गन्ना जैसी जल-गहन फसलों के लिए अधिक भूमि का उपयोग किया जा रहा है, जिसे सरकार वर्तमान में सब्सिडी देती है।
निष्कर्ष
NITI Aayog वाहनों को अपनाने के आधार पर 2025 तक 10.16 बिलियन लीटर इथेनॉल की मांग करता है।
- शीरा-आधारित भट्टियों से इथेनॉल उत्पादन क्रमशः 7.6 बिलियन लीटर और 7.4 बिलियन लीटर और अनाज-आधारित डिस्टिलरी से 2.58 बिलियन लीटर तक बढ़ने की उम्मीद है।
- इसके लिए 2025 तक छह मिलियन टन चीनी और 16.5 मिलियन टन प्रति वर्ष अनाज की आवश्यकता होगी।
परीक्षा ट्रैक
प्रीलिम्स टेकअवे
- जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति, 2018
- इथेनॉल सम्मिश्रण
- भारत में इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम