सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, राज्यों से कहा, मैला ढोने की प्रथा को खत्म करें
- अगर समाज के एक बड़े वर्ग को मैला ढोने के लिए मजबूर किया जाता है तो नागरिकों के बीच भाईचारे, समानता के दावे महज एक भ्रम बनकर रह जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- न्यायमूर्ति एसआर भट्ट की अध्यक्षता वाली पीठ ने केंद्र और राज्यों को हाथ से मैला ढोने की प्रथा को पूरी तरह से खत्म करने की प्रतिज्ञा के प्रति कर्तव्यबद्ध ठहराया
- मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013 के कड़े कार्यान्वयन के माध्यम से ।
- अदालत ने सीवर में होने वाली मौतों के लिए दिए जाने वाले मुआवजे को पहले के ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹30 लाख कर दिया।
सफाई कर्मचारी आंदोलन और अन्य बनाम भारत संघ
- शीर्ष अदालत ने स्वयं निषेधाज्ञा को सुदृढ़ किया था और पारंपरिक और अन्यथा इस प्रथा में लगे लोगों के पुनर्वास का निर्देश दिया था।
- फैसले में न्याय और परिवर्तन के सिद्धांतों के आधार पर उनके पुनर्वास का आह्वान किया गया था।
- अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान 'मैनुअल स्कैवेंजर्स' की परिभाषा के अंतर्गत आने वाले लोगों के पुनर्वास के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों पर सरकार से डेटा एकत्र किया था।
- नगर निगमों का राज्यवार गठन
- ऐसे निकायों द्वारा सीवेज सफाई के लिए यंत्रीकृत उपकरणों की प्रकृति
- सीवेज से होने वाली मौतों की ऑनलाइन ट्रैकिंग
- उनके अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई, जिसमें मुआवजे का भुगतान और परिवारों का पुनर्वास शामिल है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- मैनुअल स्केवेंजर्स और उनका पुनर्वास अधिनियम, 2013