ECI ने 345 निष्क्रिय राजनीतिक दलों को हटाया
| पहलू | विवरण | |-----------------------------|---------------------------------------------------------------------------------| | घटना | भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा 345 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाना | | सूची से हटाने का कारण | निष्क्रियता, पता न चल पाना और 2019 से चुनाव न लड़ना। | | कानूनी आधार | जनप्रतिनिधित्व अधिनियम (आरपी अधिनियम), 1951 की धारा 29ए। | | मुख्य आंकड़े | 345 आरयूपीपी को कारण बताओ नोटिस जारी; 281 को सूची से हटाया, 217 निष्क्रिय (मार्च 2024 सूची, मई 2025 तक अपडेट)। | | आरयूपीपी के लाभ | आयकर छूट, आम चुनाव चिन्ह, स्टार प्रचारकों को नामित करने का अधिकार। | | आरयूपीपी के साथ मुद्दे | कर छूटों का दुरुपयोग, दानदाताओं के विवरण दाखिल करने में विफलता, अपडेट का अनुपालन न करना, अप्राप्त उपस्थिति। | | उच्चतम न्यायालय का फैसला | ईसीआई दलों को तब तक डी-रजिस्टर नहीं कर सकती जब तक कि पंजीकरण धोखाधड़ी से न किया गया हो, दल संविधान के प्रति निष्ठा त्याग दे, या गैरकानूनी घोषित कर दिया जाए। | | कानूनी कमियां | आरपी अधिनियम, 1951 में ईसीआई को निष्क्रिय दलों को डी-रजिस्टर करने के लिए स्पष्ट प्रावधान का अभाव है। | | विधि आयोग की सिफारिशें | 170वीं रिपोर्ट (1999), 255वीं रिपोर्ट (2015), ईसीआई ज्ञापन (2016) सुधारों का सुझाव देते हैं। | | महत्व | चुनावी रोल को साफ करता है, सार्वजनिक धन के दुरुपयोग को रोकता है, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देता है। |