सीबीएसई ने 'डमी एडमिशन' के लिए 21 स्कूलों की मान्यता रद्द की
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 21 स्कूलों की संबद्धता रद्द कर दी है, क्योंकि ये स्कूल "डमी एडमिशन" की प्रथा में संलिप्त पाए गए थे, जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को अनिवार्य उपस्थिति की आवश्यकता के विरुद्ध कक्षाएँ छोड़ने की अनुमति देता है।
मुख्य बिंदु:
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 21 स्कूलों की संबद्धता रद्द कर दी है, जो "डमी एडमिशन" की प्रथा में संलिप्त पाए गए थे। यह प्रथा मुख्य रूप से प्रतियोगी परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने वाले छात्रों को अनिवार्य कक्षा उपस्थिति को दरकिनार करने की अनुमति देती है, जिससे शैक्षिक मानकों को नुकसान पहुँचता है।
कार्रवाई का मुख्य विवरण:
- उपस्थिति की आवश्यकता: सीबीएसई मानदंडों के अनुसार, कक्षा 10 और कक्षा 12 के छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं के लिए पात्र होने के लिए 75% उपस्थिति बनाए रखनी चाहिए।
- प्रभावित स्कूल: प्रभावित स्कूलों में से सोलह दिल्ली में स्थित हैं, जबकि शेष पाँच राजस्थान में हैं। इसके अतिरिक्त, छह स्कूलों को वरिष्ठ माध्यमिक से माध्यमिक स्तर पर डाउनग्रेड किया गया है।
निरीक्षण और निष्कर्ष:
- आश्चर्यजनक निरीक्षण: सीबीएसई ने 3 सितंबर को दिल्ली और राजस्थान में आकस्मिक निरीक्षण किया, जिसमें इन स्कूलों में कक्षा 11 और 12 के लिए अपर्याप्त बुनियादी ढांचे और स्टाफिंग का पता चला।
- साक्ष्य-आधारित निर्णय: सीबीएसई सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि इन कमियों को दर्शाने वाले वीडियो साक्ष्य द्वारा कार्रवाई का समर्थन किया गया।
डमी एडमिशन पर सीबीएसई का बयान:
- शैक्षणिक मिशन: सीबीएसई ने इस बात पर जोर दिया कि डमी एडमिशन स्कूली शिक्षा के मिशन के विपरीत हैं, जिससे छात्रों के बुनियादी विकास और शैक्षणिक मानकों से समझौता होता है।
- अन्य स्कूलों को चेतावनी: सीबीएसई का बयान इस प्रथा को रोकने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, अन्य संबद्ध संस्थानों को चेतावनी भेजता है।
दिल्ली के स्कूलों पर प्रभाव:
- अमान्यता प्राप्त स्कूलों की सघनता: प्रभावित स्कूलों में से अधिकांश दिल्ली के नरेला, नांगलोई, अलीपुर और मुंडका क्षेत्रों में स्थित हैं।
- कोचिंग संस्थानों से जुड़ाव: द्वारका में आईटीएल पब्लिक स्कूल की प्रिंसिपल सुधा आचार्य ने बताया कि इनमें से कई स्कूल कोचिंग संस्थानों से जुड़े हुए हैं, क्योंकि माता-पिता अक्सर नियमित शिक्षा की तुलना में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उन्हें प्राथमिकता देते हैं।
प्रीलिम्स टेकअवे
- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई)