गया और राजगीर के सूखे बौद्ध स्थल के लिए बिहार की अनूठी हर घर गंगाजल योजना
- हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री ने राजगीर और गया में हर घर गंगाजल परियोजना का शुभारंभ किया, ताकि राज्य के उन सूखे इलाकों में नल द्वारा गंगा का पानी उपलब्ध कराया जा सके जो नदी के किनारे नहीं हैं।
- मानसून बाढ़ के मौसम के दौरान गंगा में अतिरिक्त पानी का संचयन, जिसे पानी की कमी वाले जिलों राजगीर, गया और बोधगया में उपचारित, संग्रहीत और पाइप द्वारा वितरित किया जाएगा।
हर घर गंगाजल योजना
- बिहार सरकार की जल, जीवन, हरियाली योजना का एक हिस्सा।
- राजगीर, बोधगया और गया के पर्यटन स्थलों में।
- राजगीर और गया के जलाशयों में पानी जमा होगा
- हाथीदाह से पाइप के माध्यम से 150 किमी से अधिक की यात्रा
- प्रत्येक लाभार्थी परिवार तक पहुंचने के लिए मौजूदा, पुनर्निर्मित और नए कनेक्शन के नेटवर्क का उपयोग करेगा
- प्रत्येक लाभार्थी को पीने और घरेलू उपयोग के लिए प्रतिदिन 135 लीटर गंगा जल उपलब्ध कराएंगे
- वर्तमान में राजगीर, गया और बोधगया के शहरी क्षेत्रों तक सीमित है।
- दूसरा चरण- गंगा जल को नवादा ले जाया जाएगा।
योजना की आवश्यकता
- क्षेत्र का भूगोल
- राजगीर (नालंदा जिले में) - मगध का केंद्रक
- चट्टानी और पानी की कमी।
- भूजल के भेदभावपूर्ण उपयोग के कारण पानी की कमी।
- घटती जल तालिका
- गया जिले में औसत भूजल स्तर जुलाई 2021 में 30.30 फीट से घटकर जुलाई 2022 में 41.50 फीट हो गया था।
- सुखाने वाले हैंडपंप
- नालंदा और गया पीने के पानी की आपूर्ति के लिए पानी के टैंकरों की व्यवस्था कर रहे हैं।
- एक अल्पकालिक और अपर्याप्त उपाय
- पानी के अधिक टिकाऊ और विश्वसनीय स्रोत की ओर शिफ्ट होने की जरूरत है।
अनुमानित दोहरे लाभ
- संकट दूर करना
- गंगा के तट पर वार्षिक बाढ़ से संकट।
- मानसून के दौरान गंगा के पानी को डायवर्जन करने से नदी के किनारों पर बाढ़ के प्रभाव को कम करने में मदद मिलेगी।
- नदी का क्षरण नहीं
- मानसून के चार महीनों के दौरान ही पानी निकाला जाएगा l