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बिहार के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा: पटना-आरा-सासाराम और कोसी-मेची परियोजना

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बिहार के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा: पटना-आरा-सासाराम और कोसी-मेची परियोजना

| पहलू | विवरण | |--------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट समिति (CCEA) द्वारा बिहार के प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी | | परियोजनाएं | पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर और कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक परियोजना | | उद्देश्य | बिहार में कनेक्टिविटी, कृषि सिंचाई और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना | | पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर | | | प्रकार | 4-लेन एक्सेस-नियंत्रित कॉरिडोर (HAM) | | लंबाई | 120.10 किमी | | लागत | ₹3,712.40 करोड़ | | उद्देश्य | राजमार्गों की भीड़ कम करना, यात्रा समय 3-4 घंटे से कम करना | | कनेक्टिविटी | पटना, सासाराम, आरा को जोड़ना; बिहटा एयरपोर्ट, रेलवे से जुड़ाव; वाराणसी, रांची, लखनऊ तक कनेक्टिविटी बढ़ाना | | रोजगार | 48 लाख मानव-दिवस का रोजगार सृजित होगा | | सामाजिक-आर्थिक प्रभाव | क्षेत्रीय विकास, लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ावा | | कोसी-मेची अंतर-राज्यीय लिंक| | | शामिलता | PMKSY-AIBP के तहत | | अनुमानित लागत | ₹6,282.32 करोड़ | | केंद्रीय सहायता | ₹3,652.56 करोड़ | | पूरा होने का लक्ष्य | मार्च 2029 | | उद्देश्य | कोसी नदी के अतिरिक्त पानी को महानंदा बेसिन में सिंचाई के लिए मोड़ना; EKMC का पुनर्निर्माण करना | | सिंचाई प्रभाव | 2.10 लाख हेक्टेयर के लिए अतिरिक्त सिंचाई क्षमता; अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार जिलों को लाभ | | कृषि विकास | मौजूदा और नई कृषि भूमि के लिए पानी की पहुंच सुनिश्चित करना |

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