मैसूरु जिले में 11वीं सदी की जैन मूर्तियां मिलीं
- इस सप्ताह की शुरुआत में मैसूरु जिले के वरुणा गांव में लगभग 11वीं शताब्दी की तीन जैन मूर्तियां खोजी गईं।
मुख्य बिंदु
- मूर्तियां मलबे के ढेर के बीच थीं और जल निकासी के काम के लिए खुदाई के दौरान इन्हें बरामद किया गया था।
- मूर्तियों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के परिसर में पुरातत्व संग्रहालय में स्थानांतरित कर दिया गया
जैन धर्म
- जैन धर्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व में प्रमुखता से उभरा, जब भगवान महावीर ने इस धर्म का प्रचार किया।
- जैन धर्म में 24 महान शिक्षक हुवे है|
- भगवान महावीर स्वामी 24वें और अंतिम शिक्षक थे|
- इन चौबीस शिक्षकों को तीर्थंकर कहा जाता था, जिन्होंने जीवित रहते हुए सभी ज्ञान (मोक्ष) प्राप्त किया था और लोगों को इसका उपदेश दिया था।
- प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभनाथ थे।
वर्धमान महावीर
- 24वें तीर्थंकर वर्धमान महावीर का जन्म 540 ईसा पूर्व में वैशाली के पास कुंडग्राम नामक गांव में हुआ था।
- वह ज्ञात्रिक कबीले से थे और मगध के शाही परिवार से संबंधित थे।
- उनके पिता सिद्धार्थ जनाथ्रिक क्षत्रिय वंश के मुखिया थे और उनकी मां त्रिशला वैशाली के राजा चेतक की बहन थीं।
- वर्धमान महावीर 30 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना घर त्याग दिया और सन्यासी बन गये।
- उन्होंने 12 वर्षों तक तपस्या की और 42 वर्ष की आयु में कैवल्य (अर्थात् दुख और सुख पर विजय प्राप्त की) नामक उच्चतम आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त किया।
प्रीलिम्स टेकअवे
- वर्धमान महावीर
- जैन धर्म